बिहार में देश की पहली राज्य सीएसआर नीति पर मंथन : यूनीसेफ–सीआईएमपी के मंच से अमल पर ज़ोर

Edited By:  |
Emphasis on implementation from UNICEF-CIMP platform Emphasis on implementation from UNICEF-CIMP platform

पटना:- बिहार की नव अधिसूचित राज्य कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) नीति को प्रभावी अमल तक पहुंचाने की दिशा में यूनीसेफ और चाणक्य इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक लीडरशिप (सीआईएमपी) ने बड़ी पहल की। पटना में आयोजित5वें अंतरराष्ट्रीय सीएसआर सम्मेलन (ICCSR) के दौरान दोनों संस्थानों ने उच्च-स्तरीय गोलमेज बैठक आयोजित की, जिसमें बिहार राज्य सीएसआर नीति2025के ढांचे को मजबूत करने और इसके ज़मीनी क्रियान्वयन पर विस्तार से मंथन हुआ।

गौरतलब है कि बिहार देश का पहला राज्य है, जिसने अपनी अलग राज्य सीएसआर नीति तैयार कर अधिसूचित की है। भारत में सीएसआर के जनक कहे जाने वाले और आईआईसीए के पूर्व महानिदेशक भास्कर चटर्जी ने बैठक में कहा कि यह नीति कॉरपोरेट जगत को स्पष्ट दिशा देती है, लेकिन बिहार में निवेश आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन प्रावधानों पर गंभीरता से विचार जरूरी है।


यूनीसेफ बिहार की प्रमुख मार्गरेट ग्वाडा ने कहा कि सीएसआर साझेदारियां जल, स्वच्छता व स्वास्थ, पोषण और बच्चों से जुड़े कार्यक्रमों में बदलाव की रफ्तार तेज कर सकती हैं। वहीं सीआईएमपी के निदेशक प्रो. (डॉ.) राणा सिंह ने कहा कि सामाजिक निवेश तब असरदार होगा, जब वह अल्पकालिक गतिविधियों से आगे बढ़कर दीर्घकालिक और टिकाऊ बदलाव का आधार बने।

उद्घाटन सत्र में वर्चुअल रूप से शामिल अरामको, सऊदी अरब के हिशमी जमील हुसैन ने बिहार को सामाजिक निवेश के लिए “हाई रिटर्न जियोग्राफी” बताया। वहीं हेल्पएज इंडिया के पूर्व सीईओ मैथ्यू चेरियन ने सीएसआर फंड का संतुलन ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों की ओर बढ़ाने पर ज़ोर दिया। नाबार्ड के डीजीएम लक्ष्मण कुमार ने आजीविका, कौशल विकास और ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यक्रमों में बेहतर तालमेल की आवश्यकता रेखांकित की।

इसके बाद हुई गोलमेज चर्चा बिहार सीएसआर पोर्टल के विकास और नीति के क्रियान्वयन के व्यावहारिक पहलुओं पर फोकस रहा। यूनीसेफ इंडिया की पार्टनरशिप स्पेशलिस्ट रमोना बक्शी के संचालन में हुई इस चर्चा में पैलेडियम इंडिया, ज्यूबिलेंट इंग्रेविया, अपोलो मेडस्किल्स, टेरी, आईसीआईसीआई फाउंडेशन, अरामको, नाबार्ड फाउंडेशन और वाबटेक के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने जिला-स्तर पर प्राथमिकता तय करने, राज्य-स्तरीय सीएसआर परियोजना रिपोजिटरी और लंबे समय तक टिकाऊ सामाजिक प्रभाव पर सहमति जताई।


चर्चा के दौरान चार प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से मंथन हुआ। इसमें समानता, पारदर्शिता और सततता जैसे मूल सीएसआर मूल्यों को नीति में मजबूती से शामिल करने, लचीले फंडिंग तंत्र विकसित करने, राज्य और जिला स्तर पर संस्थागत व्यवस्था को सशक्त बनाने तथा परियोजनाओं की निगरानी और प्रभाव आकलन के लिए एक मजबूत व उपयोगकर्ता-अनुकूल बिहार सीएसआर पोर्टल के विकास पर सहमति बनी। इसके साथ ही सरकार, कॉरपोरेट और सिविल सोसायटी के बीच समन्वय को और मजबूत करने, निगरानी तंत्र को सुदृढ़ करने, कार्यान्वयन एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने और नियमित हितधारक परामर्श की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।

वित्त विभाग, बिहार सरकार द्वारा लागू बिहार राज्य सीएसआर नीति2025 का उद्देश्य निजी क्षेत्र के सीएसआर संसाधनों को विकसित बिहार@2047 और विकसित भारत@2047 के लक्ष्यों से जोड़ना है। यूनीसेफ-संचालित इस संवाद से निकली सुझाव राज्य सरकार को सौंपे जाएंगे, ताकि नीति का प्रभावी और समन्वित क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।