नौकरी के बहाने उठाए सवाल : शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद DY.CM तेजस्वी ने PM मोदी और CM योगी पर साधा निशाना

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Tejashwi Yadav raised questions on PM Modi and CM Yogi on the pretext of job Tejashwi Yadav raised questions on PM Modi and CM Yogi on the pretext of job

DESK:- 1 लाख 70 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC)द्वारा आयोजित महापरीक्षा के संपन्न होने के साथ ही राज्य के उपमुख्यमंत्री(DY.CM)तेजस्वी यादव बेरोजगारी,नौकरी एवं आरक्षण जैसे मुद्दों को लेकर मुखर हैं और केन्द्र की मोदी सरकार के साथ ही पड़ोसी उत्तर प्रदेश की य़ोगी सरकार के खिलाफ हमलावर हैं.तेजस्वी यादव ने फेसबुक पोस्ट के जरिए केन्द्र की मोदी सरकार और X के जरिए यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधा है.

यूपी की योगी सरकार पर तंज

तेजस्वी यादव ने लिखा कि ‘UP से नौकरी पाने बिहार पहुँचे शिक्षक अभ्यर्थियों ने बताया कि मंदिर-मस्जिद, बुलडोजर जैसे मुद्दों से नौकरी नहीं मिलती‘ जब से UP के युवा बिहार में नौकरी के लिए आ रहे है वहाँ के CM बेचैन है और विज्ञापन निकाल सफाई दे रहे है।योगी जी को भी हम नौकरी-रोजगार के मुद्दों पर लाएंगे। योगी जी, आपने ये तो सुना ही होगा-

“भूखे पेट भजन नहीं होय गोपाला ले तेरी कंठी ले तेरी माला "


वहीं फेसबुक पोस्ट के जरिए मोदी सरकार सरकार के बारे मे लिखा है कि केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा देश के सार्वजनिक उपक्रमों, संसाधनों और राष्ट्रीय संपत्ति को कथित सुधारों की आड़ में बड़े-बड़े उद्योगपतियों को बेचना गरीबों, किसानों और देश हितों के खिलाफ है।निजीकरण द्वारा सरकारी नौकरियों को समाप्त करना, सरकारी नौकरियों एवं सार्वजनिक उपक्रमों में वंचित वर्गों के आरक्षण को ख़त्म करना केंद्र सरकार की एक दीर्घकालिक योजना है। मोदी सरकार ने रेलवे में लाखों नौकरियाँ समाप्त कर एवं आर्मी में अग्निवीर जैसी योजना लाकर करोड़ों युवाओं का अहित किया है।

मोदीजी अब नौकरी और रोजगार की बात नहीं करते

इसे आगे तेजस्वी यादव ने लिखा कि केंद्र सरकार खरबों की राष्ट्रीय सम्पत्ति चुनिंदा निजी कंपनियों को क्यों बेच रही है? अगर मोदी सरकार राष्ट्र की संपत्ति में इज़ाफ़ा नहीं कर सकती तो आजादी के बाद दशकों की मेहनत से बनायी गयी परिसंपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेचकर देश का नुकसान क्यों रही है?मोदी सरकार को यह बताना चाहिए कि कुछ चुनिंदा पूँजीपतियों को राष्ट्रीय संपत्ति बेचने से देशवासियों और अर्थव्यवस्था को कैसे मदद मिलेगी?

तेजस्वी ने लिखा कि मोदी सरकार बताए कि राष्ट्र की परिसम्पत्तियाँ बेचने की उनकी क्या मजबूरी है? क्या यह मोदी सरकार की असफलता, नीतियों की नाकामी और अदूरदर्शिता नहीं है?प्रधानमंत्री जी अब कभी नोटबंदी, मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया, स्टैंड उप इंडिया, प्रतिवर्ष दो करोड़ सरकारी नौकरियाँ, 15 लाख काला धन, किसानों की दुगुनी आय इत्यादि का ज़िक्र क्यों नहीं करते? क्या प्रधानमंत्री जी जानते है बिना-सोचे समझे लॉंच की गयी उनकी ये सभी योजनाएँ विफल हो चुकी है?हम भारत के लोग अपने देश को चंद पूँजीपतियों के हाथों में बेचने और गिरवी रखने के इस प्रयास के खिलाफ अंत तक लड़ते रहेंगे।


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