गहराने लगा पानी का संकट : : गढ़वा में पानी की किल्लत से हाहाकार, नदी और नाला सूखने से और बढ़ी परेशानी

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Water crisis started deepening: There was an outcry due to water shortage in Garhwa, problems increased due to drying up of rivers and streams. Water crisis started deepening: There was an outcry due to water shortage in Garhwa, problems increased due to drying up of rivers and streams.

गढ़वा जिले में पानी की किल्लत शुरू हो गई है. जिले के रंका अनुमंडल मे भीषण गर्मी के बीच पानी की किल्ल्त लोगों की परेशानी बढ़ गई. लोगों को अब नदी नाले के भरोसे रहना पड़ रहा है. लेकिन नदी और नाले भी सूख जाने से परेशानी और भी अधिक बढ़ गई है. आपको बता दें झारखंड और छत्तीसगढ़ बॉर्डर में बहने वाली जीवन दायिनी कहे जाने वाली कन्हर नदी गोदरमाना वासियों के लिए वरदान से कम नहीं है. शुरुआती गर्मी में ही नदी सूख जाने की वजह से गांव वासियों की चिंता बढ़ गई है. कई चापकाल, जल मीनार खराब पड़ा है. पानी लेने के लिए लोग दूसरे गांव 1 से 2 किलोमीटर तक चले जाते है. कोई सुध लेने वाला नहीं है. यहां पेजयल विभाग की ओर से पानी टंकी बनाया जा रहा है. लेकिन निर्माण कार्य धीमी गति से होने की वजह से इस साल भी निर्माण नहीं हो सकेगा. इस पानी टंकी के निर्माण पर 35 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. बावजूद इसके ये हाथी का दांत साबित हो रहा है.

गोदरमाना वासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों को दूर-दराज के इलाकों से पानी लाना पड़ रहा है. इससे उनकी पढ़ाई भी बाधित हो रह. यही नहीं तपती गर्मी से पहले अप्रैल में ही झारखंड की जीवन दायिनी कहे जाने वाले कन्हर निदी सूख गई है. इससे हजारों की आबादी पर असर पड़ा और उनकी परेशानी बढ़ गई। अब आलम ये है की लोगों को नदी में चुवाड़ी खोदकर पानी निकालना पड़ता है। जिससे यहां के लोग पानी पीते हैं और नहाते हैं. इसके बावजूद इनलोगों का सुध लेने वाला कोई नहीं है.


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