VVPAT पर सुप्रीम कोर्ट का 'सुप्रीम' फैसला : पर्ची मिलान को लेकर सभी याचिकाएं खारिज, बैलेट पेपर से भी चुनाव कराने से इनकार

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Supreme Court's 'Supreme' decision on VVPAT Supreme Court's 'Supreme' decision on VVPAT

NEW DELHI :वीवीपैट वैरिफिकेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 'सुप्रीम' फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT वेरिफिकेशन की मांग को लेकर सभी याचिकाएं खारिज कर दी है। साथ ही बैलेट पेपर की मांग को लेकर दर्ज याचिका भी खारिज कर दी है।

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से EVM के जरिए डाले गये वैट की VVPAT की पर्चियों से शत-प्रतिशत मिलान की मांग को झटका लगा है। ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षा वाली बेंच ने सहमति से दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में स्पष्ट कर दिया है कि वोटिंग EVM मशीन से ही होगी। ईवीएम-वीवीपैट का 100 फीसदी मिलान नहीं किया जाएगा। 45 दिनों तक वीवीपैट की पर्ची उम्मीदवारों के हस्ताक्षर के साथ सुरक्षित रहेगी। कोर्ट ने सिंबल लोडिंग यूनिट सील करने का निर्देश दिया है।

गौरतलब है कि वीवीपैट का सबसे पहले प्रयोग नगालैंड विधानसभा चुनाव के दौरान साल 2013 में हुआ था। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर भी इस मशीन को लगाया गया। बाद में 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में भी इसका इस्तेमाल हुआ था।

विदित है कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) ने 2013 में VVPAT यानी वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीनें डिजाइन की थीं। ये दोनों वही सरकारी कंपनियां हैं, जो EVM यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें भी बनाती हैं।


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