मंत्री आलमगीर आलम ने की जनसुनवाई : कहा, जनसुनवाई में आये आवेदनों पर पहल करते हुए अधिकारियों को कार्रवाई करने का दिया है निर्देश
बोकारो : प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने बोकारो जिले में पहली बार जनसुनवाई करने का काम किया है. मंत्री बनने के बाद पार्टी के निर्देश पर पहली बार मंत्री बोकारो के सेक्टर 2 स्थित अंबे गार्डन में बैठक कर लोगों की समस्याओं को सुना . जनसुनवाई में पार्टी के नेता, 20 सूत्री उपाध्यक्ष सदस्य सहित ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगों ने मंत्री के समक्ष अपनी बातों को रखने का काम किया.
जनसुनवाई में हेमंत सोरेन के चचेरे भाई की पत्नी अंजलि सोरेन भी अपनी समस्याओं को लेकर मंत्री के समक्ष फरियाद लेकर पहुंची. अंजलि सोरेन और उसके पति की आपस में विवाद है. जिस कारण वह अकेली रहती है. अंजलि सोरेन ने मंत्री से बच्चों की पढ़ाई और खुद के रोजगार की मांग रखी है. अंजलि ने कहा कि खुद सरकार बोकारो पहुंचे हैं ऐसे में हम अपनी समस्याओं को रखने का काम किया और हमें उम्मीद है कि जरूर मेरी समस्या का समाधान होगा.
वहीं20सूत्री उपाध्यक्ष देवाशीष मंडल ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण कई भवन बनकर तैयार है लेकिन वह अब बेकार हो रहे हैं ऐसी समस्याओं से मंत्री को अवगत कराया गया है. पहले भी मंत्री को इस पर ध्यान आकर्षित कराया गया था लेकिन अधिकारी किसी की नहीं सुनते.
कांड्रा गांव के रहने वाले युग देव महथा ने गांव में पानी की समस्या को लेकर मंत्री के समक्ष अपनी बातों को रखा और कहा कि गांव की गरीब महिलाओं को मुख्य सड़क पर होकर पानी लाने जाना पड़ता है. जिस कारण कभी भी कई बड़ा हादसा हो सकता है.
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि आज इस जनसुनवाई में 125 आवेदन आए. जिस पर पहल करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश अधिकारियों को दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की समस्या सबसे बड़ी पेयजल की है. लोगों ने स्कूल की बाउंड्री स्कूल में शिक्षक नहीं होने की बातों को रखने का काम किया है. मंत्री ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था को हम लोग मजबूत कर रहे हैं और सरकार जल्द ही एक बड़ी राशि मुखिया से लेकर जिला परिषद को देने जा रही है. जिसमें ग्रामीण क्षेत्र का विकास होगा . सड़कों के लिए भी काम किया जा रहा है और हमें उम्मीद है की जो लोग समस्या को लेकर आए हैं उनका समाधान भी होगा. कांग्रेसियों के जनसुनवाई में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता यह समझते हैं कि उनके समस्या को जनसुनवाई में जल्द समाधान होगा. जिस कारण वह अपनी समस्या को रखने का काम करते हैं . लेकिन ऐसा नहीं है ग्रामीण क्षेत्र से लोग भी आ जाए और अपनी समस्याओं को रखने का काम किया.