BIG BREAKING : लालू प्रसाद को झटके पर झटका, बुलो मंडल ने भी RJD से दिया इस्तीफा, अब इस पार्टी का थामेंगे दामन

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 Bulo Mandal also resigned from RJD party  Bulo Mandal also resigned from RJD party

PATNA : लोकसभा चुनाव के बीच रण में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को झटके पर झटका लगता जा रहा है। देवेन्द्र प्रसाद यादव के बाद अब बुलो मंडल ने भी आरजेडी से इस्तीफा दे दिया है। अब वे गुरुवार को जेडीयू का दामन थामेंगे।

बुलो मंडल ने भी पार्टी से दिया इस्तीफा

जानकारी के मुताबिक कल यानी गुरुवार को जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे। इस मौके पर पार्टी कार्यालय में जेडीयू के कई बड़े नेता भी मौजूद रहेंगे। गौरतलब है कि आज लालू प्रसाद यादव को लगातार झटके पर झटका लग रहा है।

बुलो मंडल से पहले आज ही राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। देवेन्द्र प्रसाद यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर इस्तीफे की घोषणा की है और कहा है कि मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कहा है कि वे पार्टी द्वारा मनमाने तरीके से उम्मीदवारों के चयन से नाखुश हैं लिहाजा वे पार्टी को अलविदा कह रहे हैं।

RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद को झटके पर झटका

इसके साथ ही देवेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा है कि परम आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी, राष्ट्रीय जनता दल, राजद में जो राजनीति चल पड़ी है, केवल 'राज' के लिए नीति जबकि राज और नीति दोनों का सामंजस्य होना लाजिमी था। उन्होंने लिखा है कि मैं ऐसा महसूस करने लगा हूं कि इस तरह की राजनीति से नीति पूरी तरह नदारद हो चली है यानी सिद्धान्त के बिना राजनीति मतलब आत्मा के बिना मात्रा शरीर। यदि किसी भी समाजवादी विचारधारा वाला कार्यकर्ता को पार्टी महागठबंधन के तहत झंझारपुर का या अन्य आधे दर्जन जगहों में जो उम्मीदवारों का आयात किया गया है।

वैसे जगहों में पार्टी के मान्य विचारधारा वाले पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता या समर्पित नेता को पार्टी का टिकट दिया जाता तो मुझे कोई शिकवा शिकायत नहीं हो सकती थी परन्तु सांम्प्रदायिक शक्ति के पोषक दलों से पैराशूट से एक दिन में उतारकर उम्मीदवार बनाने की जो कार्य संस्कृति पनप गई है, उससे पूरी तरह घुटन महसूस कर रहा हूं और आश्चर्यचकित भी हूं। मेरी अंतरात्मा कह रही है कि अब राजद में एक क्षण भी बना रहना असहज सा हो गया है। खास कर सांम्प्रदायिक शक्तियों के पोषक दलों के हाथ में मेरे द्वारा पांच बार सींचे गए समाजवादी धरती को नीलाम किया जा रहा है। मैं अपनी ऐतिहासिक कर्मभूमि व जन्मभूमि झंझारपुर की समाजवादी धरती के साथ छल नहीं कर सकता।

अतः समाजवादी आन्दोलन को पुनःजीवित करने साथ ही राजनीति में राज और नीति दोनों का सामंजस्य बनाने के पक्ष में राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से व केन्द्रीय ससदीय बोर्ड की सदस्यता और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से स्वेच्छा से त्याग-पत्र दे रहा हूं।


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