गैर मजरुआ खास जमीन को कर दिया रैयती : खुद हल्का कर्मचारी रहते शशिभूषण सिंह ने की थी जमाबंदी, रिश्तेदार के नाम से काटी रसीद
राजधानी रांची के प्राइम लोकेशन कटहल मोड़ के पास झारखंड सरकार की जमीन खाता 383 में है. इसका प्लाट नंबर 496 है. पर रातू अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी और उस समय के हल्का कर्मचारी शशिभूषण सिंह ने मिल कर सात एकड़ जमीन को रैयती बना दिया. खुद हल्का कर्मचारी रहते हुए छह जुलाई 2008 औऱ इससे पहले 24 सितंबर 2005 को मगलू सिंह को प्लाट नंबर 496 का रैयत बता कर रसीद काट दिया। इसका लगान रसीद नंबर क्रमशः 886093 और 899678 है, जिसमें शशि भूषण सिंह ने हस्ताक्षर कर रखा है. पहले यह जमीन रातू अंचल के अधीन थी, अब पुनदाग मौजा की यह जमीन नगड़ी अंचल में आता है. वर्तमान में इस जमीन की कीमत 70 से 85 करोड़ के बीच है.
रातू अंचल के सीओ के नाम से भेजा था जमीन की मिल्कियत रिपोर्ट
शशिभूषण सिंह ने अपने बॉस यानी रातू अंचल के अंचल अधिकारी को 16 अगस्त 2008 को एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि सुखदेव सिंह (पिता मंगलू सिंह) के आवेदन को देखते हुए जांच की गयी. जांच में पाया गया कि आवेदन का दखल-कब्जा जमीन पर है. ऐसे में जमीन की मापी कराने का आदेश अंचल अधिकारी दें.
जमीन का नेचर बदलने के लिए की कई कोशिशें
जमीन का नेचर बदलने के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता (एलआरडीसी) और झारखंड हाईकोर्ट में भी दी गयी थी अरजी. सरकारी जमीन को मंगलू सिंह के नाम से ट्रांसफर करने की साजिश में रातू अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी, हल्का कर्मचारी, अंचल निरीक्षक, अमीन और अन्य की टीम ने कई खेल किये. पहले झारखंड हाईकोर्ट में एक रिट याचिका 4484 ऑफ 2007 दर्ज की गयी, जिसमें सुरजदेव सिंह को डमी याचिकाकर्ता बनाया गया. इस याचिका के माध्यम से मंगलू सिंह के नाम से लगान रसीद काटने और जमाबंदी खोलने का आग्रह किया गया था. यह दलील दी गयी कि आठ जनवरी 1940 को प्लाट नंबर 496 की जमीन सेटेलमेंट के जरिये याचिकाकर्ता ने प्राप्त किया था. सुनवाई के क्रम में न्यायाधीश जस्टिस एनएन तिवारी ने संदिग्ध जमाबंदी और रसीद के मामले पर ठोस निर्णय नहीं दिया और कंपीटेंट कोर्ट से मामले पर निर्णय लेने की बातें कहते हुए याचिका खारिज कर दी. फिर मामले को एलआरडीसी न्यायालय तक पहुंचाया गया. जानकारी के अनुसार एलआरडी कोर्ट के बाद अपर समाहर्ता गुमला ने 10 जनवरी 2003 को के एक सर्टिफिकेट जारी किया था. इसमें मंगलू सिंह के नाम से खाता 383 का प्लाट नंबर 496 के मामले में 5 /52-53 का हवाला देकर यह कहा गया था कि पालकोट इस्टेट बनाम सरकार का मामला चल रहा है.
रांची से दीपक कुमार की रिपोर्ट