Baba Ramdev : पतंजलि भ्रामक विज्ञापन केस में रामदेव-बालकृष्ण का माफीनामा खारिज, SC की फटकार, कहा : 'हम अंधे नहीं हैं, भुगतना होगा नतीजा'
BABA Ramdev in SC :पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने योगगुरु बाबा रामदेव के दूसरे माफीनामे को सिरे से खारिज कर दिया है और कड़ी फटकार लगायी है। कोर्ट ने कहा है कि जनता को ये संदेश जाना चाहिए कि अदालत को दिए गये वचन का महत्व होता है और इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है।
'हम अंधे नहीं हैं, भुगतना होगा नतीजा'
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने कहा कि मामले पर जानबूझकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया गया है। कार्रवाई के लिए तैयार रहें। साथ ही कहा कि ‘हम अंधे नहीं हैं।’ कोर्ट ने कहा कि हम आपका माफीनामा स्वीकार नहीं कर रहे हैं। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को करेगी।
इसके साथ ही कोर्ट ने 2018 से उत्तराखंड के राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के अधिकारियों और जिला आयुर्वेदिक अधिकारियों से भी जवाब मांगा है कि गुमराह करने वालों के खिलाफ शिकायतों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि आप हलफनामे में धोखाधड़ी कर रहे हैं, इसको किसने तैयार किया है? मुझे तो आश्चर्य हो रहा है। जस्टिस कोहली ने कहा कि वैसे भी हम इस पर फैसला करेंगे, हम इसको जानबूझकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना मान रहे हैं। इस हलफनामे को ठुकराते हैं, ये सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है. हम अंधे नहीं हैं, हमें सब दिखता है।
'लोगों से हो जाती हैं गलतियां'
इस पर सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि लोगों से गलतियां हो जाती हैं तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गलती होती है तो सजा भी मिलती है। उन्हें भुगतना भी पड़ता है, उन्हें तकलीफ भी उठानी पड़ती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ड्रग्स लाइसेंसिंग अधिकारियों को अभी सस्पेंड किया जाए। ये लोग दबदबा बनाते हैं और इसे स्वीकार भी कर लिया जाता है। अदालत का मखौल बनाया जा रहा है। इनका कहना है कि विज्ञापन का उद्देश्य लोगों को आयुर्वेदिक दवाओं से जोड़े रखना है, मानो ये दुनिया में आयुर्वेदिक दवाएं लाने वाले पहले शख्स हों।
ज्वाइंट डायरेक्टर को भी हड़काया
ड्रग्स विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर मिथिलेश कुमार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि आपको शर्म आनी चाहिए। क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई हो। लोग मर जाएं और आप बस वार्निंग देते रहें। आपने बहुत नौकरी कर कर ली। अब घर पर बैठिए। अभी बुद्धि नहीं आयी है। इस पर उत्तराखंड के खाद्य और औषधि प्रशासन के संयुक्त निदेशक डॉ. मिथिलेश कुमार ने सुनवाई के दौरान हाथ जोड़कर माफी भी मांगी और कहा कि कृपया मुझे बख्श दीजिए। मैं जून 2023 से पद पर आया और यह मेरे आने से पहले हुआ था।
वहीं, जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि आप चाहते हैं कि हम एक आदमी को माफ कर दें। उन सभी लोगों का क्या...जिन्होंने आपकी दवा खायी थी। उनके बारे में क्या...जिनके बारे में कहा गया था कि ये बीमारी दूर कर देंगी, जबकि इनका इलाज ही नहीं हो सकता था।