रांची में ईडी की रेड, 20 करोड़ कैश बरामद : : जानिये कौन हैं संजीव लाल जिनके नौकर के घर मिला कुबेर का खजाना ?

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ED raid in Ranchi, Rs 20 crore cash recovered: Know who is Sanjeev Lal, in whose servant's house Kuber's treasure was found? ED raid in Ranchi, Rs 20 crore cash recovered: Know who is Sanjeev Lal, in whose servant's house Kuber's treasure was found?

आरइओ, ग्रामीण विकास और स्पेशल डिविजन का टेंडर मैनेज करते थे संजीव लाल

जेपीएससी फर्स्ट बैच के हैं अधिकारी, सीबीआइ ने दाखिल की है इनके विरुद्ध आरोप पत्र

अर्जुन मुंडा, हेमंत सोरेन के कार्यकाल में रहे सीपी सिंह, विमला प्रधान और आलमगीर आलम के पीए

रांची : प्रवर्तन निदेशालय की टीम रांची में सोमवार सुबह राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के सरकारी आप्त सचिव संजीव कुमार लाल समेत नौ ठिकानों पर छापेमारी की है. अब तक इडी को संजीव लाल के नौकर के यहां से 25 करोड़ रुपये से अधिक की नगदी बरामद की गयी है. इडी की तरफ से पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों को काउंटिंग मशीन के साथ बुलाया गया है. इसके अलावा संजीव लाल के पीए जहांगीर आलम के यहां भी छापेमारी चल रही है. साथ ही साथ विभाग के दो अभियंता के यहां भी छापेमारी कर रही है.

जानकारी के अनुसार संजीव लाल अर्जुन मुंडा की सरकार के समय मंत्री रही विमला प्रधान, रघुवर दास सरकार में मंत्री रहे सीपी सिंह के आप्त सचिव भी संजीव लाल रह चुके हैं. ये जेपीएससी फर्स्ट बैच के अधिकारी हैं, जो रांची में एसडीओ समेत कई पदों पर रहे हैं. साथ ही साथ इनका नाम फर्स्ट बैच के उन 37 सफल अभ्यर्थियों में शामिल है, जिनके नाम से सीबीआइ ने आरोप पत्र दाखिल किया है. इसमें सीमा सिंह, कुंवर सिंह पाहन जैसे अधिकारी भी शामिल हैं.

ग्रामीण विकास, आरइओ और स्पेशल डिविजन का टेंडर मैनेज करते थे संजीव लाल

संजीव लाल के बारे में बताया जाता है कि ये ग्रामीण विकास, आरइओ, स्पेशल डिविजन के टेंडर को मैनेज करते थे. सरकार के एक बड़े राजनेता के यहां ये पैसे पहुंचाने का काम भी करते थे. साथ ही साथ आरइओ के विभिन्न पैकेज के सभी टेंडर में ठेकेदारों को मैनेज कर, उसका पर्सेंटेज तय करना इनका काम था. संजीव लाल कस्टमरों को फांसते भी थे. लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले आरइओ में 60-60 करोड़ के चार से पांच टेंडर निकाले गये. इनमें विभाग के अभियंता प्रमुख जेपी सिंह, मुख्य अभियंता प्रमोद सिंह, विकास कुमार समेत अन्य इनके गिरोह में शामिल थे. इससे विभागीय सचिव के श्रीनिवासन काफी खफा थे. उन्होंने दिसंबर 2023 से लेकर मार्च 2024 तक निकाली गयी सभी निविदाओं की कापी अभियंता प्रमुख से मांगी है. जिसको लेकर विभाग में काफी खलबली है.

वीरेंद्र राम के गिरफ्तार होने के बाद यह गिरोह हुआ था सक्रिय

आरइओ के पूर्व अभियंता प्रमुख वीरेंद्र राम के इडी की ओर से गिरफ्तार होने के बाद संजीव लाल का गिरोह सक्रिय हो गया था. इसमें अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता, जहांगीर आलम, विभागीय मंत्री के कई नजदीकी शामिल थे. विभागीय सूत्रों का कहना है कि 60-60 करोड़ का औऱ 10 पैकेज निकाला जाना है, जो लोकसभा चुनाव के समाप्ति के बाद निकलेगा. इसको लेकर अभी से ही सेटिंग-गेटिंग चल रही थी.

रांची से दीपक कुमार की रिपोर्ट..


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