Jharkhand News : जोन-3 और जोन-6 में झारखंड सरकार करेगी नये प्लेसमेंट एजेंसी का चयन, निविदा की प्रक्रिया पूरी

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Jharkhand government will select new placement agency in Zone-3 and Zone-6, tender process completed Jharkhand government will select new placement agency in Zone-3 and Zone-6, tender process completed

आचार संहिता लागू होने की वजह से एल-1 कंपनी की घोषणा नहीं

झारखंड सरकार ने रामगढ़, बोकारो, पलामू, गढ़वा, लातेहार जिले के लिए प्लेसमेंट एजेंसी का चयन करने की तैयारियां शुरू कर दी है. बोकारो और रामगढ़ उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अनुसार जोन-3 में आता है. वहीं जोन-6 में पलामू, गढ़वा और लातेहार जिला आता है. जोन-3 में कुल 126 रीटेल आउटलेट है. जबकि जोन-6 में दुकानों की संख्या 177 है. लोकसभा चुनाव की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से निविदादाताओं में से एल1 कंपनी का चयन नहीं किया जा सका है. इन दोनों जोन में हरियाणा की कंपनी आरके ग्रुप ऑफ कंपनी प्लेसमेंट एजेंसी के रूप में काम कर रही है. पहले जोन-6 में जीडीएक्स फैसिलिटिज एंड मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड को काम दिया गया था. जीडीएक्स को जोन-6 में व्यापक अनियमितताएं करने औऱ बिक्री का पैसा ट्रेजरी में जमा नहीं कर कंपनी के खाते में रखने की वजह से काली सूची में डाल दिया गया था. इसके बाद आरके ग्रुप ऑफ कंपनिज को जोन-6 की जवाबदेही दी गयी थी और कंपनी ने इससे संबंधित 4 करोड 12 लाख रुपये से अधिक का सिक्यूरिटी डिपाजिट बतौर बैंक गारंटी जमा नहीं किया. अब भी बगैर बीजी जमा किये ही कंपनी गढ़वा, पलामू और लातेहार में काम कर रही है.

झारखंड सरकार ने जीडीएक्स कंपनी के तत्कालीन झारखंड हेड अमित सिंह औऱ उनकी टीम पर पैसे लेकर सेल्स सुपरवाइजर और सेल्समैन की नियुक्ति करने का आरोप भी प्रमाणित किया था. जानकारी के अनुसार सेल्स सुपरवाइजर से एक-एक लाख और सेल्समैन से 50-50 हजार रुपये का डीमांड ड्रफ्ट तत्कालीन झारखंड हेड अमित सिंह की टीम ने लिया था. यह राशि एचडीएफसी बैंक के बरियातू रोड शाखा में जमा करायी गयी थी. मार्च 2023 से लेकर जून 2023 तक करोड़ों रुपये का ट्रांजैक्शन जीडीएक्स फैसिलिटिज के बरियातू रोड शाखा में किया गया था. कर्मियों की नियुक्ति में हुए बवाल के बाद अब अमित सिंह को जीडीएक्स कंपनी ने हिमांशु को झारखंड हेड नियुक्त किया है. बताते चलें कि झारखंड सरकार की ओर से कंपनी को काली सूची में डालने के बाद कंपनी ने हाईकोर्ट का रूख किया था. न्यायालय की तरफ से कंपनी को झारखंड सरकार की कार्रवाई के विरुद्ध स्थगनादेश (स्टे आर्डर) भी दे दिया गया है. इसी याचिका में कंपनी की तरफ से आरके ग्रुप ऑफ कंपनिज को अनावश्यक फेवर करने का आरोप भी लगाया गया था.


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