गरीबी में बीता है बचपन : भारतीय महिला हॉकी टीम की नई कप्तान हैं सलीमा टेटे, आज भी गांव में मुलभूत सुविधाओं का अभाव

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Childhood spent in poverty: Salima Teta is the new captain of the Indian women's hockey team, even today there is lack of basic facilities in the vill Childhood spent in poverty: Salima Teta is the new captain of the Indian women's hockey team, even today there is lack of basic facilities in the vill

सिमडेगा : हॉकी इंडिया ने FIH प्री लीग हॉकी के लिए भारतीय महिला टीम का गठन कर लिया है. सिमडेगा की बेटी सलीमा टेटे को भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान बनाया गया है. सलीमा मूल रूप से सिमडेगा सदर प्रखंड अंतर्गत पिथरा पंचायत के बड़की छापर गांव की है. कप्तान बनने पर पिता सुलक्षण टेटे ने खुशी जताते हुए बेटी को बधाई और शुभकामनाएं दी. उन्होंने बताया कि गरीबी और तंगहाली के बीच उसे बहुत ही मेहनत से पढ़कर इस मुकाम तक उन्होंने पहुंचाया है. वह अपने खुद के मेहनत और काबिलियत के बल पर लगातार प्रयास करते हुए आज यहां पर पहुंची है. सलिमा के पिता ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा चौथी तक गांव में पढ़ाई की, जिसके बाद तुमडेगी स्कूल में पढ़ाई की और फिर सिमडेगा जाकर पढ़ाई की. सुलक्षण टेटे ने बताया कि उनकी बेटी देश की हॉकी टीम की कप्तान है. इसके बाद भी उनके गांव में मुलभूत सुविधाओं का अभाव है. गांव में पीने के पानी की समस्या है. गांव के लोग नदी में नहाने को मजबूर हैं. पीने के लिये पानी गांव से दूर दूसरे गांव के सीमा पर जाकर लाना पड़ता है.

भारतीय महिला टीम के कप्तान बनी शालीमार की गांव में आज भी कई चीजों की कमी दिखती है. सलीम का घर मिट्टी का है जहां पर माता-पिता भइया-भाभी और उनके बच्चे सहित कई लोग सामूहिक रूप से रहते हैं. सलीम ने खुद के पैसे से एक पक्का मकान भी बनवाई है. यहां पर प्रधानमंत्री के साथ मिले हुए सुनहरा यादों को दीवार पर फ्रेम करके लगाया गया है. इसके अलावा उसे कई मेडल और शील्ड प्राप्त हुए हैं जिसे अपने घर में सजा कर रखा है।

इधर बेटी की कामयाबी पर खुशी जताते हुए मां ने बेटी को शुभकामनाएं दी. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने कॉल कर उसे कप्तान बनने की जानकारी दी थी. साथ ही बेटी ने यह भी बताया कि टीम में कई अन्य सीनियर खिलाड़ी भी हैं, इसके बावजूद मुझे कप्तान बनाया गया है। जिस पर मां ने कहा कि तुम्हारा मेहनत और लगन और तुम्हारी काबिलियत ने तुम्हें कप्तान बनाया है। सलीमा की मां ने भी गांव में मुलभूत सुविधाओं की कमी पर दुख जताया और कहा की गांव में पानी की समस्या है. जल जीवन मिशन के तहत जगह-जगह पर जल मीनार तो लगा दिए गए हैं इसके बावजूद पीने के लिये पानी तक नहीं मिलता है। जल मीनार अबतक शुरू नहीं किये गये हैं। गांव में प्रशासन ने खेल का मैदान भी बनाया है. इसके अलावा एक भवन का भी निर्माण कराया गया है।


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